सदोष अवरोध  व   सदोष  परिरोध, IPC Section 339-344

Wrongful Restraint And Wrongful Confinement IPC Section 339-344

परिभाषा  -

सदोष अवरोध  व   सदोष  परिरोध की परिभाषा  –

  सदोष अवरोध की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 339 में दी गई है,

जबकि सदोष परिरोध  की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 340 में दी गई है |

अर्थ  -

 

  जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को स्वेच्छा से ऐसे बाधा डालता है कि उस व्यक्ति को उस दिशा में जिसमें उस व्यक्ति को जाने का अधिकार है जाने से वंचित करता है तो ऐसा कार्य सदोष अवरोध  कहलायेगा,

जबकि जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का इस प्रकार सदोष अवरोध  कारित  करता है कि उस व्यक्ति को निश्चित परिसीमा से बाहर जाने से निवारित कर दे तो वह सदोष  परिरोध   कहलायेगा |

आवश्यक तत्व -

आवश्यक तत्व सदोष अवरोध  – 

  •   किसी व्यक्ति को स्वेच्छा से बाधा डालना,
  •   वह बाधा ऐसी हो जो उस व्यक्ति को  उस दिशा में जिसमें उस व्यक्ति को जाने का अधिकार है जाने से रोक दिया जाता है |

सदोष  परिरोध  –

  •   किसी व्यक्ति का  स्वेच्छा से सदोष अवरोध करना,
  •    वह अवरोध ऐसा हो जिसके कारण व्यक्ति किसी निश्चित परिसीमा के बाहर ना जा सके |

सदोष अवरोध  व   सदोष  परिरोध किस प्रकार से किया जा सकता है  -

 

सदोष अवरोध भौतिक या मनोवैज्ञानिक किसी भी प्रकार से किया जा सकता है ,  सदोष  परिरोध भी भौतिक या मनोवैज्ञानिक किसी भी प्रकार से किया जा सकता है,

अर्थात जरूरी नहीं है कि बलपूर्वक रोका जाए किसी को धमकी  देकर रोकना भी शामिल है |

  कब अवरोध होगा कब परिरोध  होगा  -

 यदि एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को केवल किसी विशेष दिशा में ही जाने से रोकता है किंतु अन्य दिशा में जाने के लिए वह स्वतंत्र है तो वह सदोष अवरोध होगा |

 उदाहरण  (1) – अमन अपने मकान की छत पर था विवेक सीढी हटा देता है जिससे अमन छत पर ही रहने को बाध्य हो जाता है |

 उदाहरण (2)  –  सुरेश और धवल एक कुएं के   सहभागीदार थे सुरेश धवल को कुएं से पानी लेने से इस आधार पर मना कर देता है की धवल ने कुएं में लगी धनराशि के अपने अंश का भुगतान नहीं किया था सदोष अवरोध होगा |

उदाहरण  (3) – लोक  मार्ग को  उपयोग में लाने का अधिकार हर नागरिक को है और यदि कोई व्यक्ति उसका उपयोग करने से रोके तो वह सदोष अवरोध होगा |

 

किंतु जब किसी व्यक्ति को एक विशेष स्थान पर  रोककर रखा जाए  या कैद करके रखा जाए तो वह सदोष  परिरोध  होगा |

 उदाहरण  (1) – बलराम अपनी कार से प्रयागराज से कानपुर जा रहा था रास्ते में  सुमेश उससे मिला और निवेदन किया कि वह उसे फतेहपुर तक जो कि कानपुर के रास्ते में ही पड़ता है छोड़ दे बलराम सुमेश को फतेहपुर तक पहुंचाने के लिए  सहमत हो जाता है  किंतु फतेहपुर पहुंचने पर सुमेश के द्वारा बार बार निवेदन करने पर भी बलराम उसे कार से नहीं उतरता |

 यहां बलराम सदोष  परिरोध का दोषी है |

 उदाहरण  (2) –  दिनेश एक जेल डॉक्टर किसी अपराधी को जो जेल में अपने कारावास की अवधि काट रहा था जेल के एक कमरे में बंद कर दिया ताकि अपराधी की इच्छा के विरुद्ध उसे एनीमा लगा सके सदोष  परिरोध होगा |

 उदाहरण  (3) – विनय एक ऐसे इलाके में रहता था जहां सभी चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध थी बावजूद इसके विनय ने अपने भाई भरत को भारी जंजीरों से बांधकर रखा था क्योंकि कभी-कभी भरत को मिर्गी का दौरा  पड़ता था |

 लेकिन निरीक्षण के बाद उसे स्वस्थ पाया गया विनय सदोष परिरोध  का दोषी पाया गया |

Case Law -

 लल्लू प्रसाद  बनाम केदारनाथ AIR 1962   के  वाद में मकान किराए पर उठाया गया था  एक दिन किराएदार मकान में ताला बंद करके बाहर चला गया  किराएदार की अनुपस्थिति में मकान मालिक ने मकान में अपना ताला बंद कर दिया यहां सदोष अवरोध माना गया |

wrongful restraint and wrongful confinement
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आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध -

सदोष अवरोध किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का आंशिक अवरोध है, जबकि सदोष परिरोध में  स्वतंत्रता पूर्णतया प्रतिबंधित हो जाती है |

निहित होना -

 सदोष अवरोध में  सदोष परिरोध निहित नहीं है, जबकि सदोष परिरोध में  सदोष अवरोध निहित है |

परिसीमा -

 सदोष अवरोध में कोई परिसीमा आवश्यक नहीं है, जबकि सदोष परिरोध  में एक निश्चित परिसीमा सदैव आवश्यक होता है |

दंड का प्रावधान -

सदोष अवरोध के लिए दंड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 341 में किया गया है जबकि सदोष परिरोध के लिए दंड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 342 में किया गया है | 

 यदि कोई व्यक्ति सदोष अवरोध कारित करता है तो वह……

  •  सादा कारावास से जिसकी अवधि 1 माह तक की हो सकेगी  या
  • जुर्माने से जो ₹500 तक का हो सकेगा या
  •  दोनों से   दंडित किया जाएगा |

 यदि कोई व्यक्ति सदोष परिरोध कारित करता है तो वह……

  •  दोनों में से किसी भांति के कारावास उसे जिसकी अवधि 1 वर्ष तक की हो सकेगी या
  •  जुर्माने से जो ₹1000 तक का हो सकेगा या
  •  दोनों से दंडित किया जाएगा |

धारा 343 -

 जो कोई यदि किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध  तीन या अधिक दिनों के लिए करता है तो वह……

  • दोनों में से किसी भांति के कारावास उसे जिसकी अवधि 2 वर्ष तक की हो सकेगी या
  •  जुर्माने से या
  •  दोनों से दंडित किया जाएगा |

धारा 344 -

जो कोई यदि किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध  10 या अधिक दिनों के लिए करता है तो वह……

  • दोनों में से किसी भांति के कारावास उसे जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की हो सकेगी या
  •  जुर्माने से या
  •  दोनों से दंडित किया जाएगा |