चोरी उद्दापन लूट डकैती Theft Extortion Robbery Dacoity
अंतर
चोरी
उद्दापन
लूट
डकैती
1. परिभाषा
चोरी की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 378 में दी गई है |
उद्दापन की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 383 में दी गई है |
लूट की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 390 में दी गई है |
डकैतीकी परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 391 में दी गई है |
2. अर्थ
जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के कब्जे में से, उस व्यक्ति की सम्मति के बिना, कोई चल संपत्ति, बेईमानी पूर्ण आशय से हटाता है, तो वह चोरी कहलाता है |
उद्दापन चोरी और लूट के बीच का अपराध है अर्थात
यदि कोई व्यक्ति किसी के कब्जे में से कोई चल संपत्ति उसकी सहमति के बिना ले जाता है तो वह चोरी होगी,
और यदि वही संपत्ति छीन कर ले जाए तो वह लूट होगी,
परंतु यदि वह कब्जाधारी को चोट का भय दिखाकर, उसको या किसी अन्य व्यक्ति को संपत्ति प्रदान करने के लिए विवश या उत्प्रेरित करें, तो वह उद्दापन का अपराध होगा |
प्रत्येक प्रकार की लूट में या तो चोरी या उद्दापन होता है……..
जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी व्यक्ति की
- मृत्यु, या उपहति,या सदोष अवरोध
- आसन्न मृत्यु, या आसन्न उपहति,या आसन्न सदोष अवरोध का भय
कारित करता है, या
कारित करने का प्रयत्न करता है…………. तो चोरी लूट होती है
जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को
- तत्काल मृत्यु, या तत्काल उपहति,या तत्काल सदोष अवरोध के भय में डालकर उद्दापन कारित करता है,
- और जब उत्प्रेरित करता है तब भय में आकर व्यक्ति उसी समय और वहीं पर वह संपत्ति अभियुक्त को परिदत्त कर दे और
- उद्दापन कारित करते समय अभियुक्त भय में डाले गए व्यक्ति के समक्ष हो…… तो उद्दापन लूट होगा |
जब 5 या 5 से अधिक व्यक्ति मिलकर या तो लूट करते हैं या लूट करने का प्रयत्न करते हैं, तब लूट डकैती में बदल जाता है और डकैती का अपराध गठित हो जाता है
उदाहरण –
1. यामिनी के घर में उसकी मेज पर यामिनी की अंगूठी रखी थी और सुमन ने बेईमानी पूर्ण आशा से उसे हटा लिया, बिना यामिनी की सहमति के, तो यह चोरी होगा |
2. रमेश की सम्मती के बिना, रमेश की भूमि पर लगे वृक्ष के उमेश काटकर ले जाता है, तो जैसे ही उमेश ने वृक्ष को भूमि से पृथक किया, वैसे ही चोरी का अपराध हो गया |
1. अमन सुबोध का मकान प्राप्त करने के लिए विक्रयनामा तैयार किया और सुबोध को धमकी देता है कि यदि उसने विक्रयनामा पर हस्ताक्षर नहीं किया, तो वह उसके पुत्र पंकज को मार डालेगा, यहां अमन ने उद्दापन का अपराध किया है |
1. कमल सुनीता को पकड़ लेता है और सुनीता की इच्छा के विरुद्ध उसके सारे आभूषण ले लेता है जहां कमल ने चोरी की है और चोरी करने के लिए स्वेच्छा से सुनीता को सदोष अवरोध तारीफ करता है इसलिए कमल ने लूट की है |
2. करीम, सुरेंद्र, जो कि एक सोनार है, से कहता है कि तुम्हारा पुत्र हमारे कब्जे में है और यदि तुम ₹ 10 लाख नहीं भेजोगे, तो वह मार डाला जाएगा | यह उद्दापन है और उद्दापन के लिए दंड दिया जाएगा क्योंकि अभियुक्त ने भव्य दिखाकर उसे उत्प्रेरित किया है |
……….. परंतु यदि करीम सुरेंद्र को उसके पुत्र की तत्काल मृत्यु के भय में डालकर 10 लाख मांगता अर्थात उसी समय तो उद्यापन लूट में बदल जाता और लूट का अपराध गठित होता |
1. एक घर में 5 ,6 डाकू घुस आए, डाकुओं ने किसी प्रकार का बल या हिंसा का प्रयोग नहीं किया, घर के सदस्यों ने भी उपहति या सदोष अवरोध के भय से प्रतिरोध नहीं किया,
लेकिन यह डकैती माना जाएगा क्योंकि तत्काल उपहति या सदोष अवरोध का भय था |
3. सहमति
चोरी के अपराध में कब्जाधारी की सहमति के बिना संपत्ति ले जाई जाती है |
उद्दापन के अपराध में संपत्ति के कब्जाधारी की सहमति उसे भय में डालकर प्राप्त की जाती है |
लूट के अपराध में संपत्ति के कब्जाधारी की सहमति उसे तत्काल भय में डालकर प्राप्त की जाती है |
डकैती के अपराध में भी सहमति उसे तत्काल भय में डालकर प्राप्त की जाती है, बस संख्या पांच या 5 से अधिक होनी चाहिए |
4. चल या अचल संपत्ति
चोरी केवल चल संपत्ति की ही की जा सकती है |
हर प्रकार की संपत्ति उद्दापन की विषय वस्तु हो सकती है |
लूट में तत्काल भय का तत्व होने के कारण केवल चल संपत्ति की ही लूट हो सकती है |
डकैती में भी तत्काल भय का तत्व होने के कारण केवल चल संपत्ति की ही लूट हो सकते हैं |
5. अपराधियों की संख्या
चोरी में संपत्ति स्वयं अपराधी के द्वारा ही हटाई जाती है |
उद्दापन में संपत्ति या तो अपराधी को या अपराधी के इशारे पर किसी अन्य व्यक्ति को परिदत्त की जाती है |
लूट में व्यक्तियों की संख्या निश्चित नहीं है यह एक या एक से अधिक व्यक्तियों के द्वारा किया जा सकता है |
डकैती में 5 या 5 से अधिक व्यक्ति मिलकर लूट करते हैं या लूट करने का प्रयास करते हैं |
6. बल प्रयोग
चोरी में बल प्रयोग की आवश्यकता नहीं है |
उद्दापन में भय उत्पन्न करने के लिए बल प्रयोग किया जाता है |
लूट में तत्काल भय उत्पन्न करने के लिए बल का प्रयोग किया जाता है |
डकैती में भी तत्काल भय उत्पन्न करने के लिए बल का प्रयोग किया जा सकता है |
7. भय दिखाना
चोरी में भय दिखाने की आवश्यकता नहीं है |
उद्दापन में कब्जाधारी को या किसी अन्य व्यक्ति को संपत्ति परिदत्त करने के लिए चोट का भय दिखाना आवश्यक है |
लूट में भी भय का होना आवश्यक है भय तत्काल होनी चाहिए |
डकैती में भी भय तत्काल होनी चाहिए |
8. कब्जाधारी की उपस्थिति
चोरी में संपत्ति कब्जाधारी की अनुपस्थिति में हटाई जाती है, तभी तो बल प्रयोग नहीं होता |
उद्दापन में कब्जाधारी की उपस्थिति और अनुपस्थिति में संपत्ति हटाई जाती है |
लूट में कब्जाधारी की तत्काल उपस्थिति होना अनिवार्य है |
डकैती में भी कब्जाधारी की तत्काल उपस्थिति होना अनिवार्य है |
9. रूप होना
चोरी एक अपेक्षाकृत कम गंभीर प्रकृति का अपराध है |
उद्दापन चोरी का गंभीर रूप है|
लूट चोरी या उद्यापन का गंभीर रूप है |
डकैती मूलतः लूट का ही रूप है |
10. आवश्यक तत्व
चोरी में
- कब्जा धारी के कब्जे से
- सहमति के बिना
- चल संपत्ति को
- बेईमानी पूर्ण आशय से हटाना आवश्यक तत्व है |
उद्दापन के लिए चोट या भय दिखाकर विवश या उत्प्रेरित करना आवश्यक तत्व है |
लूट के लिए चोरी या उद्दापन का होना आवश्यक तत्व है |
डकैती के लिए लूट करना या लूट करने का प्रयत्न करना आवश्यक तत्व है |
11. दंड का प्रावधान
चोरी के लिए दंड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 379 में किया गया है |
उद्दापन के लिए दंड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 384 में किया गया है |
लूट के लिए दंड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 392 में किया गया है |
डकैती के लिए दंड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 395 में किया गया है |
जो कोई चोरी करेगा वह
- दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की हो सकेगी या
- जुर्माने से, या
- दोनों से दंडित किया जाएगा |
जो कोई उद्दापन करेगा वह
- दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की हो सकेगी या
- जुर्माने से, या
- दोनों से दंडित किया जाएगा |
जो कोई लूट करेगा वह
- कठोर कारावास से, जिसकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकेगी,
- और जुर्माने से दंडित किया जाएगा
और यदि लूट राजमार्ग पर सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच की जाए, तो कारावास 14 वर्ष तक का हो सकेगा |
जो कोई डकैती करेगा वह
- आजीवन कारावास से, या
- कठोर कारावास से, जिसकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकेगी,
- और जुर्माने से दंडित किया जाएगा
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